रविवार को उत्तराखंड के केदारनाथ चार धाम यात्रा मार्ग के गौरीकुंड में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में 6 तीर्थ यात्री, पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी थी। सीएम धामी के इस आदेश के बाद लग रहा था कि कई दिनों तक हेली सेवा पर रोक रहेगी और पूरी जांच पड़ताल के बाद ही हेलिकॉप्टर कंपनियों को उड़ान की अनुमति दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। केवल दो दिन बंद रहने के बाद मंगलवार से चार धाम के लिए हेली सेवा शुरू हो गई है। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ सोनिका ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मंगलवार से चारों धामों के लिए हेली सेवा पुनः संचालित की जाएगी। हेलिकॉप्टर संचालन के दौरान डीजीसीए के हर एक नियम का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम साफ होने और विजिबिलिटी के आधार पर ही हेलीकाप्टर सेवाएं संचालित की जाएगी। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि सभी हेली ऑपरेटर को डीजीसीए से तय मानकों का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। खासकर केदारनाथ धाम में संचालित होने वाले हेलिकॉप्टर के लिए हिमालयी क्षेत्र में उड़ान के अनुभव भी पायलट को ही प्राथमिकता देने को कहा गया है। साथ ही उड़ान के दौरान मौसम की सटीक जानकारी अनिवार्य रूप से लेकर ही उड़ान भरी जाएगी। उन्होंने बताया कि हेली ऑपरेटर टाइम स्लॉट के तहत ही हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन करेंगे। यदि कोई हेली आपरेटर नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 15 जून को केदारनाथ धाम क्षेत्र में हुई हेलिकाप्टर दुर्घटना के बाद चारधाम के लिए हेली सेवा के संचालन को बंद कर दिया गया था। उत्तराखंड में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी तैयार की जाए, जिसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए।उत्तराखंड में लगातार हुए हेलिकॉप्टर कैश के बाद प्रदेश की धामी सरकार सख्त एसओपी बनाने जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए मानक प्रचलन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने का निर्णय लिया गया है। गृह सचिव शैलेष बगोली की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। यह समिति 15 अगस्त तक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने अपनी सिफारिशें शासन को सौंपेगी। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे के आदेश पर गठित इस समिति में 10 सदस्य होंगे। यह समिति हेलीकॉप्टर हादसों पर गहन अध्ययन अध्ययन करेगी। इसके बाद 15 अगस्त तक एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जाएगी। इस 10 सदस्य समिति में शासन स्तर के अधिकारियों समेत कई विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। जिसमें आपदा प्रबंध, डीजीसीए महानिदेशक, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो,मौसम विभाग, हवाई क्षेत्र यातायात प्रबंधन के अधिशासी निदेशक शामिल है। डीजीसीए और युकडा की ओर से नामित हेली सेवा ऑपरेटर और पायलट को इसमें सदस्य नामित किया गया है। जो अपने-अपने क्षेत्र में एक्सपर्ट के तौर पर सभी बिंदुओं का गहन अध्ययन करेंगे।यह समिति हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करेंगी। साथ ही भविष्य में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण में मानव संसाधन,उपकरण और प्रशासनिक सुधार के लिए सुझाव देगी। इसके अलावा समिति पूर्व में तैयार की गई एसओपी में संशोधन और मौसम संबंधी जानकारी के लिए संचार व्यवस्था को मजबूत करने पर भी अपनी राय देगी। इसके साथ ही प्रदेश में हवाई यातायात प्रबंधन को कैसे बेहतर किया जा सके, इस संबंध में भी सुझाव दिया जाएगा। ऐसे तमाम पहलुओं का अध्ययन कर यह समिति 15 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी।