इस युद्ध के खतरे बढ़ते ही जा रहे हैं। अब तक के नौ दिनों के युद्ध में ईरान और इजरायल में सैकड़ों की मौत, हजारों घायल, अरबों का नुकसान, दुनिया में अनिश्चिंतता एवं भय का माहौल, तेल की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ने की आशंका ने समूची दुनिया को डरा रखा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचा है, लेकिन नष्ट नहीं किया गया है। अमेरिका और इजराइल का मानना है कि ईरान ने परमाणु बम बनाने की क्षमता हासिल कर ली है और अगर अब उसे नहीं रोका गया, तो खतरा पूरी दुनिया को होगा। इजराइल इसी खतरे को मिटाने की बात कहकर ईरान पर तीव्र से तीव्रत्तर हमले कर रहा है और ईरान भी जबावी हमलों में इजरायल में तबाही मचा रखी है। युद्ध भले ही इन दो देशों के बीच हो रहा है, लेकिन उसका प्रभाव समूची दुनिया पर हो रहा है। इस संघर्ष को रोकना आवश्यक है, भले ही अमेरिका अभी तक मैदान में नहीं उतरा और यूरोप अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है। इस युद्ध को रोकने के लिये बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।
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देहरादून। आज दिनांक 19/06/2025 को शिवसेना द्वारा 59वा स्थापना दिवस मनाया गया इस शुभ अवसर पर शिवसैनिको ने दून मेडिकल कॉलेज देहरादून…
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवम् श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को शिक्षा व उपचार में छूट प्रदान करेगा। राज्य आंदोलनकारियों की परेशानी को देखते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने यह पहल की है। शुक्रवार को राज्य सरकार में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने श्री दरबार साहिब में मत्था टेका। उन्होंने देहरादून के सज्जादे गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।
कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के लोगों द्वारा अपनी समृद्ध संस्कृति पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर राज्यपाल ने उपस्थित सभी बंगाल के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि बंगाल की भूमि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जन जागरण की प्रेरणा रही है। उन्होंने बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, कला, नृत्य और साहित्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रदेश गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसी महान विभूतियों की जन्मस्थली रहा है, जिन्होंने भारत को वैश्विक पटल पर गौरवांवित किया। राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल हमें एक-दूसरे की संस्कृति, भाषा और परंपराओं को जानने का अवसर देते हैं, बल्कि भारत की ‘अनेकता में एकता’ की भावना को भी प्रबल करते हैं। उन्होंने इस नई परंपरा को देश की एकता और अखंडता के लिए एक अनूठा प्रयास बताया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन में मनाए जाने वाले विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य स्थापना दिवस पर आधारित कॉफी टेबल बुक ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ का विमोचन किया।
इस अवसर प अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, दुर्गाबाड़ी देहरादून के सचिव दिलीप चक्रवर्ती एवं डॉ. एस. महांती सहित पश्चिम बंगाल के निवासी हिमांशु चक्रवर्ती, विश्वनाथ गंगोपाध्याय, सुश्री अपराजिता दत्ता आदि उपस्थित रहे।
भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता की प्रेरक घटनाओं से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के तत्व हमेशा मौजूद रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से, जो एक सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है, सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्नत प्रौद्योगिकी की मदद से दिव्यांग व्यक्ति भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के लिए समर्पित इस संस्थान में आप सब के बीच आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। दृष्टिबाधित लोगों को शिक्षण तथा प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ समाज को उनके प्रति जागरूक बनाने में योगदान के लिए मैं इस संस्थान से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं।किसी देश या समाज की प्रगति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज के लोगों द्वारा दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। भारत का इतिहास संवेदनशीलता एवं समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा एवं प्रेम के तत्व हमेशा रहे हैं।
सरकार का यह प्रयास रहा है कि दिव्यांगजनों की पहुँच सरकारी भवनों, संस्थानों आदि में सुगम्य बनाई जाए। राष्ट्रपति भवन द्वारा भी दिव्यांगजनों के हित में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि राष्ट्रपति भवन परिसर में एक ऐसा कैफे है जिसे दिव्यांग लोग चलाते हैं।
इसी वर्ष, मार्च महीने में दिव्यांगजनों की प्रतिभा, उपलब्धियों और आकांक्षाओं का उत्सव मनाने के लिए राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन किया गया था। उस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न विकलांगताओं और लोगों के जीवन पर पड़ने वाले उनके प्रभाव के बारे में जागरूक करना था। साथ ही, दिव्यांगजनों को समझने, उन्हें स्वीकार करने तथा समाज में समावेश को बढ़ावा देना भी था। मेरा मानना है कि दिव्यांगजनों को जीवन के हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के प्रयास समाज द्वारा अवश्य किए जाने चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। उन्नत तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान देने में सक्षम हो सकते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस संस्थान द्वारा समावेशी शिक्षा प्रणाली एवं नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है।शिक्षा, सशक्तीकरण का एक शक्तिशाली साधन है। शिक्षा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि इस संस्थान के आदर्श विद्यालय के विद्यार्थी कंप्यूटर, गणित, विज्ञान, संगीत, नृत्य और खेलकूद जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हम सब ने उनकी प्रतिभा देखी है। मैं सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूँ। आप अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए पूरी लगन, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी। मुझे विश्वास है कि आप न केवल इस संस्थान का, बल्कि पूरे देश का गौरव बनेंगे।
तीन दिवसीय दौरे पर,पहुंची उत्तराखंड, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को इस योजना का लाभ मिले, यह प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता के लिए 112 हेल्पलाइन नंबर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि आम जनता आवश्यक समय पर इस सुविधा का लाभ ले सके।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज प्रदेश अध्यक्ष श्री करन माहरा के आह्रवान पर प्रदेशभर में पार्टी के शीर्ष नेता एवं लोकसभा में नेता…
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक…
मसूरी देहरादून विकास प्राधिरकण द्वारा प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक