अगला लोकसभा चुनाव दहलीज पर है। ऐसे में देशवासी मोदी सरकार से इस अंतरिम बजट में भी कई बड़ी घोषणाएं और वादों का इंतजार कर रहे थे। चुनावी साल में लोकलुभावन घोषणाओं की बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही थी। लेकिन इस बार बजट में ऐसा कुछ नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने इस बार अंतरिम बजट में विकास की राजनीति का एक “नया उदाहरण” भी पेश किया है। जैसे मोदी सरकार अपनी तीसरी पारी खेलने के लिए पूरे आत्मविश्वास से लबरेज है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने कई बड़ी घोषणाएं शुरू करने का एलान किया था। इस बजट न तो कोई नई घोषणाएं हुई और न कोई बदलाव हुआ । सरल शब्दों में कहे तो न राहत मिली न कोई बोझ बढ़ा। अब पूर्ण बजट के लिए देशवासियों को जुलाई तक इंतजार करना होगा। इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी बजट था। 1 फरवरी, गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 58 मिनट में ही अंतरिम बजट को पेश कर दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा, टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिलहाल आयकर दाताओं को राहत नहीं दी गई है। 7 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लिया जाता है। वहीं इनकम टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान की गई है। अगले तीन महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव के बावजूद मोदी सरकार ने इस बार अंतरिम बजट पर कोई फोकस नहीं किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में बजट पेश करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम भाजपा के केंद्रीय मंत्री पूरे आत्मविश्वास के साथ नजर आए। विपक्षी नेताओं ने पेश किए गए बजट को लेकर मोदी सरकार पर तंज करते हुए निशाना भी साधा । वहीं दूसरी ओर देश के अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ केंद्र सरकार के इस अंतरिम बजट का आकलन करने में लगे हुए हैं। छठी बार बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमने अंतरिम बजट की परंपरा को जारी रखा है। बता दें कि अंतरिम बजट नई सरकार के गठन तक व्यय और राजस्व की रूपरेखा तैयार करता है क्योंकि यह सरकार को अपने वित्तीय दायित्वों का प्रबंधन करने में मदद करता है। दरअसल, अंतरिम बजट में किसी तरह की लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की जाती हैं। यही वजह है कि सरकार ने किसी तरह की घोषणाएं करने से परहेज किया है। चुनाव से कुछ दिनों पहले पेश किए जाने के कारण यह एक अंतरिम बजट है, जिसे औपचारिक तौर पर वोट-ऑन-अकाउंट या लेखानुदान मांग भी कहते हैं। वैसे तो खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दिसंबर में कह चुकी हैं कि अंतरिम बजट होने की वजह से इस बार लोगों को बड़े एलानों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने ऐसा कोई परहेज नहीं किया था। उस बजट में सरकार ने मतदाताओं को न सिर्फ डायरेक्ट टैक्स के मामले में राहत दी थी, बल्कि किसानों-मजदूरों समेत समाज के कई अहम तबकों के लिए कई नई योजनाओं का एलान भी किया था। सरकार के इस बजट को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनहितौषी बताया है। सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बजट को देश की जनता के लिए ऐतिहासिक बताया है। सीएम धामी ने लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में गरीब कल्याण के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के परिणामस्वरुप ही 10 साल के कार्यकाल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। वहीं कई विपक्षी नेताओं ने अंतरिम बजट में लोगों के लिए कुछ भी न होने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे लोगों को लुभाने वाला एक चुनावी हथकंडा बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम मोदी सरकार से पूछते हैं कि पिछले 10 साल में सरकार ने जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को केवल बड़े-बड़े सपने दिखाए गए, नाम बदलकर योजनाएं दोबारा शुरू की गईं, लेकिन पुराने वादों का क्या हुआ, यह नहीं बताया गया। खरगे ने सरकार से पूछा कि दिखाये जा रहे नए सपने कैसे पूरे होंगे। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि बजट मोदी के विकास माडल का स्पष्ट संकेत है, जो अमीरों को समृद्ध कर रहा है और गरीबों को गरीब बना रहा है। नेशनल कान्फ्रेंस के नेता -फारूक अब्दुल्ला ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक अंतरिम बजट है, इसलिए इससे ज्यादा उम्मीद न करें।तृणमूल कांग्रेस ने अंतरिम बजट को चुनावी हथकंडा करार दिया। पार्टी के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों को दिए जाने वाले फंड पर एक शब्द भी नहीं था। वे संघवाद को धोखा दे रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत बादल ने कहा कि बजट में कुछ भी नहीं था।
अंतरिम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ—
इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया । सैलरीड मिडिल क्लास के लिए न तो स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई इजाफा किया गया और न ही किसी और तरीके से राहत देने की बात हुई।टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार इंडिविजुअल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करेगी। देश में दो इनकम टैक्स की व्यवस्था है। पुरानी और नई।पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं। वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट 4 सेक्टर्स पर फोकस रहा। गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता। सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। बजट के बाद अपनी प्रक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम एक बड़ा लक्ष्य तय करते हैं और उसे प्राप्त करते हैं। गरीबों के लिए हमने गांव और शहरों में 4 करोड़ से ज्यादा घर बनाए। अब हमने 2 करोड़ और घर बनाने का लक्ष्य है। 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था। अब तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का नया लक्ष्य रखा है। आयुष्मान योजना में आशा वर्कर्स और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को लाभान्वित किया जाएगा। सोलर प्रक्रिया अपनाने से मुफ्त बिजली मिल सकेगी। पीएम मोदी ने कहा कि यह देश के भविष्य के निर्माण का बजट है। ये विकसित भारत के लिए समर्पित बजट है। इस बजट में युवा भारत के युवा आकांक्षा प्रतिबिंब हैं। शानदार बजट के लिए वित्त मंत्री को बधाई देते है। युवा, महिला और किसान को सशक्त बनाएंगे। स्टार्टअप्स को मिलने वाली छूट का भी एलान किया गया है। ये मजबूत भविष्य की गारंटी है।