(फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी समेत बाकी मांगें पूरी कराने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं। किसानों की मांगों को लेकर सियासत भी गर्म है। लोकसभा चुनाव बमुश्किल दो महीने दूर है। कांग्रेस ने गारंटी कार्ड खेल दिया है, सत्ता में आए तो सबसे पहले एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का कानून लाएंगे। वहीं मोदी सरकार भी इस आंदोलन को जल्दी खत्म करना चाहती है। लोकसभा चुनाव सिर पर है लिहाजा मोदी सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली में आंदोलनकारी किसान 2020-21 की तरह डेरा डालें। )
लोकसभा चुनाव से पहले किसानों का आंदोलन केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अभी तक पंजाब और हरियाणा के किसान एक बार फिर केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए बड़े इरादे के साथ राजधानी दिल्ली के आसपास डेरा जमाए हुए हैं।फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी समेत बाकी मांगें पूरी कराने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं। इस आंदोलन के दौरान हार्ट अटैक से एक किसान और दम घुटने से एक सब इंस्पेक्टर की मौत हो चुकी है। शनिवार को किसान आंदोलन का पांचवां दिन था । किसानों की मांगों को लेकर सियासत भी गर्म है। लोकसभा चुनाव बमुश्किल दो महीने दूर है। कांग्रेस ने गारंटी कार्ड खेल दिया है, सत्ता में आए तो सबसे पहले एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का कानून लाएंगे। वहीं मोदी सरकार भी इस आंदोलन को जल्दी खत्म करना चाहती है। लोकसभा चुनाव सिर पर है लिहाजा मोदी सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली में आंदोलनकारी किसान 2020-21 की तरह डेरा डालें। किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह और महान कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ से नवाजने को किसान समुदाय को साधने की कोशिश के रूप में ही देखा गया। केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए अपने तीन केंद्रीय मंत्री, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, खाद्य-आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को लगाया हुआ है।हालांकि अभी तक तीन दौर की बातचीत में यह तीनों केंद्रीय मंत्री कोई समाधान नहीं निकाल सके । चौथे दिन भी शंभू बॉर्डर पर किसानों का हंगामा जारी रहा। कई बार पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई। आंदोलन को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर अफरातफरी का माहौल है। किसानों को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने की रस्साकशी में पांच दिन बीत गए। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने 7 लेयर की बैरिकेडिंग की है। हरियाणा से लगते पंजाब के खनौरी और डबवाली बॉर्डर भी तीन दिन से बंद हैं। आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट बंद है। 15 जिलों में धारा 144 लागू है। हरियाणा और दिल्ली का सिंघु-टीकरी बॉर्डर, यूपी से जुड़ा गाजीपुर बॉर्डर सील हैं। दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। शुक्रवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था। ये भारत बंद संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाया था जिसमें पंजाब के किसानों समेत कई शहरों में इसका छिटपुट असर दिखा। दिल्ली-एनसीआर में भी किसान आंदोलन को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। इस दौरान सरकार और किसानों के बीच 3 मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन बेनतीजा रहीं। अब रविवार को एक बार फिर किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी। जिसमें सरकार को उम्मीद है कि, संवाद से समाधान जरूर निकलेगा। वहीं पंजाब और हरियाणा किसानों के आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में छह महीने के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है। यह नियम राज्य सरकार के अधीन सरकारी विभागों, निगम और प्राधिकरण पर लागू रहेगा। अपर मुख्य सचिव कार्मिश डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संंबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एस्मा एक्ट लगने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते पाया जाता है, तो हड़ताल करने वालों को एक्ट उल्लंघन के आरोप में बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा।