बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी ने आक्रामक अंदाज में देश को चक्रव्यूह में फंसाने और जातीय जनगणना कराने को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला बोला। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से उनकी जाति ही पूछ ली। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से सियासी घमासान मच गया। बात सदन से निकलकर बाहर तक आ गई। अनुराग ठाकुर के भाषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस के नेता और भड़क गए। लेकिन यह हकीकत है कि भारत की राजनीति आज भी जाति पर ही आधारित है। पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक जातियों की ही बात होती है। अभी ओबीसी की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई थी। अलग-अलग राज्यों की राजनीतिक पार्टियां दलित और आदिवासी की राजनीति करती हैं। मसलन, यूपी में मायावती की बसपा दलितों की राजनीति करती हैं।
इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली में बजट सत्र चल रहा है। इस बार भी नई संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा इतना बरपा कि सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 100 सीटें आने के बाद नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी कुछ ज्यादा ही जोश में है। सदन की कार्यवाही के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने आक्रामक अंदाज में देश को चक्रव्यूह में फंसाने और जातीय जनगणना कराने को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला बोला। राहुल गांधी के इस भाषण के बाद भाजपा के नेता कहां चुप बैठे वाले थे। हिमाचल प्रदेश के भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से उनकी जाति ही पूछ ली। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से सियासी घमासान मच गया। बात सदन से निकलकर बाहर तक आ गई। भले ही विपक्षी नेता अनुराग ठाकुर के जाति पूछने पर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन यह हकीकत है कि भारत की राजनीति आज भी जाति पर ही आधारित है। लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों को जाति के हिसाब से ही टिकट भी प्रदान करती हैं। भारत की राजनीति जाति पर बहुत ज्यादा टिकी है। पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक जातियों की ही बात होती है। अभी ओबीसी की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई थी। अलग-अलग राज्यों की राजनीतिक पार्टियां दलित और आदिवासी की राजनीति करती हैं। मसलन, यूपी में मायावती की बसपा दलितों की राजनीति करती हैं। समाजवादी पार्टी को पिछड़ों की राजनीति कर पहचान मिली है। बिहार में भी लालू यादव-नीतीश कुमार की राजनीति जाति की राजनीति पर ही टिकी है। सोशल मीडिया पर जो बहस चल रही है, क्या संसद में भी वही बात हुई थी? सोशल मीडिया पर जाति के नाम पर सवाल हो रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का एक पुराना वीडियो भी फिर से चल पड़ा है, जिसमें वो एक पत्रकार से सरनेम बताकर जाति की तरफ इशारा कर रहे हैं-संसद में भी राहुल गांधी की तरफ से खड़े होकर अखिलेश यादव ने ही सवाल किया था, आप किसी की जाति कैसे पूछ सकते हैं। अखिलेश यादव ही नहीं राहुल गांधी से भी जुड़ा ऐसा ही एक वाक्या सामने आया । ये मामला राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान की थी। जब ये यात्रा प्रयागराज पहुंची थी। उस समय राहुल गांधी स्वराज भवन से कर्नलकंज, कटरा होते लक्ष्मी टॉकीज पर संबोधन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने एक पेपर लीक से प्रभावित एक छात्र को अपने पास बुलाया था। इस दौरान उन्होंने उस छात्र का नाम और जाति पूछी थी। उसने बताया था कि वो ओबीसी वर्ग है। उस समय कहा था कि वो आपको जूता मारकर बाहर कर देंगे। आइए अब बात तो आगे बढ़ाते हैं। पहले शुरुआत करते हैं राहुल गांधी के सदन में दिए गए भाषण से । बजट सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर जमकर बरसे। राहुल ने कहा कि केंद्र की सरकार चाहे युवा हो या किसान सभी को चक्रव्यूह में फंसाने का काम कर रही है। 21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वो भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडानी और अंबानी हैं। इस पर सत्तापक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल को टोकते हुए कहा- आपके सदस्यों ने भी कई बार कहा है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं जाना चाहिए। इस पर राहुल ने कहा कि आप कहते हैं तो एनएसए, अंबानी और अडाणी जी का नाम निकाल देता हूं और सिर्फ 3 नाम लूंगा।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया–
राहुल गांधी ने इसी के साथ जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो दिखाई। राहुल ने कहा, ‘इस फोटो में कोई पिछड़ा, दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। ये बात सुनकर निर्मला हंस पड़ी और तभी राहुल ने कहा कि देश का हलवा बंट रहा है और वित्त मंत्री हंसी आ गई और उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया। राहुल ने आगे कहा कि 20 अफसरों ने हलवा बनाया और अपने 20 लोगों में बांट दिया। बजट कौन बना रहे हैं, वही दो या तीन प्रतिशत लोग। हम जातिगत जनगणना लाकर इस विषमता को खत्म करेंगे। राहुल गांधी के इस भाषण पर कांग्रेस खेमे में जोश जगा गया। वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष को जवाब देने के लिए भाजपा भी तैयार बैठी थी। राहुल गांधी के जाति जनगणना के सवाल पर भाजपा सांसद राहुल अनुराग ठाकुर ने करारा हमला बोला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि आपके बोलने के लिए पर्ची आती है। उधार की बुद्धि से राजनीति नहीं चलती। आजकल कुछ लोगों पर जाति जनगणना का भूत सवार है। जिसको जाति का पता नहीं, वो जाति जनगणना कराना चाहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अनुराग ठाकुर जी ने मुझे गाली दी है। मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, मुझे उनसे माफी नहीं चाहिए। उनके इस बयान पर हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने अनुराग ठाकुर को जवाब देते हुए कहा माननीय मंत्री रहे हैं, बड़े दल के नेता हैं। दुर्योधन तक यहां ले आए। इनसे पूछना चाहता हूं, आपने जाति कैसे पूछ ली ये बताएं बस। कैसे पूछोगे जाति। आप जाति नहीं पूछ सकते।