नेपाल में धरती से 5 किमी नीचे भूकंप के केंद्र बिंदु ने 3 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर पहले 4.6 तीव्रता व एक मिनट के ही अंतराल में फिर 6.2 तीव्रता ने सबको हिलाकर रख दिया।सम्पूर्ण नेपाल, उत्तर भारत मे जयपुर, दिल्ली, लखनऊ, देहरादून आदि क्षेत्रों में धरती डोलती देखकर लोग घरों,दफ्तरों व बाजारों में दुकानों से बाहर निकल आए।
उत्तराखंड समेत नेपाल और भारत के अन्य क्षेत्रों में धरती के एक दिन में मात्र एक मिनट के अंतराल पर दो बार डोलने से दहशत मच गई। भूकंप के इन तेज झटकों से लोग अभी दहशत में है।बीते साल भी “8और 9 नवंबर की रात 1:57 बजे आए भूकंप का मैग्नीट्यूड 6.3 था और इसका असर भारत के अलावा नेपाल और चीन में भी देखा गया था”।यानि भारत के साथ ही नेपाल और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र तब भी नेपाल रहा था। दिल्ली के साथ ही नोएडा और गुरुग्राम में भी कई सेकेंड तक भीषण झटके महसूस किए गए। इसके कारण लोग अपनी सोसायटी व बस्ती से बाहर निकल आए। इस दौरान घर के फैन और झूमर भी भूकंप के असर के कारण तेजी से हिलने लगे।भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किमी की गहराई में था। ।भूकंप पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरी आबादी को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है।