(साल 2024 से पहले अगले महीने नवंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। पांच राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इस चुनाव के नतीजे कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए बनाम इंडिया का सीधे मुकाबले होने जा रहा है। चुनाव आयोग ने बताया कि मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर को पहले फेज और 17 नवंबर को दूसरे फेज की वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक चरण में वोटिंग होने वाली है। राजस्थान में 25 नवंबर, जबकि तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को जारी कर दिए जाएंगे। ) देश के पांच राज्यों में अगले महीने नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिनके लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम, वो पांच राज्य हैं, जहां नवंबर में मतदान होंगे। 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में अभी लगभग छह महीने का वक्त है। यही वजह है कि पांच राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इस चुनाव के नतीजे कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए बनाम इंडिया का सीधे मुकाबले होने जा रहा है।
चुनाव आयोग ने बताया कि मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर को पहले फेज और 17 नवंबर को दूसरे फेज की वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक चरण में वोटिंग होने वाली है। राजस्थान में 23 नवंबर, जबकि तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। पांचों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को जारी कर दिए जाएंगे। वहीं चुनाव आयोग ने राजस्थान में 23 नवंबर को होने वाले मतदान की तारीख बदल दी है। बता दें कि 23 नवंबर देवउठनी एकादशी भी है। इसी वजह से राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख बदली गई है। अब चुनाव आयोग ने राजस्थान में 25 नवंबर वोटिंग का एलान किया है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्रेस बनाम बीजेपी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार चला रही है। इस राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है, जहां बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी दमखम दिखाएंगी। वहीं, मिजोरम में कांग्रेस का मुकाबला मिजो नेशनल फ्रंट और जोराम पीपुल्स मूवमेंट से होगा। चुनाव तारीखों की घोषणा तो अब हुई है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां काफी पहले से ही चुनाव कैंपेन शुरू कर चुकी हैं। अब तक का हाल तो यही बता रहा है कि 3 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है, जबकि तेलंगाना और मिजोरम में क्षेत्रीय दलों का दबदबा है। बीजेपी तो सभी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ रही है, जबकि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें हैं जहां वो अपने मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतर चुकी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। तेलंगाना में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ही चेहरे के रूप में नजर आ रहे हैं और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी तेलंगाना में काफी जोर मार रहे हैं। छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल के शासन के बाद बीजेपी ने 2018 में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा दी थी। मध्य प्रदेश में तो बीजेपी ने 15 महीने में ही हिसाब बराबर कर लिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए पूरे पांच साल इंतजार करने पड़े हैं। इस बार 7 नवंबर और 17 नवंबर को होने जा रहे मतदान में कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंक चुकी है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता में वापसी कराने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोर्चा संभाले हुए हैं, साथ में बीजेपी के बाकी बड़े नेता तो जी जान से जुटे ही हैं। मध्यप्रदेश में दिवाली के 5 दिन बाद मतदान होगा। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही फेज में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच आमने सामने का मुकाबला है। छत्तीसगढ़ की तरह मध्य प्रदेश को लेकर राहुल गांधी को कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा है, लेकिन मोर्चे पर राहुल गांधी से ज्यादा प्रियंका गांधी वाड्रा नजर आ रही हैं। पांचों राज्यों में सबसे ज्यादा दिलचस्प राजनीति तो राजस्थान में ही देखने को मिल रही है और वहां जो हाल कांग्रेस का है, बीजेपी की हालत भी मिलती जुलती ही है। गांधी परिवार ने तो ऐसा लगता है, जैसे राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के हवाले ही छोड़ दिया है। राजस्थान को लेकर राहुल गांधी ने जो बयान दिया है, वो तो और भी गंभीर लगता है। राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले कहा था कि राजस्थान को छोड़ कर बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। राजस्थान में राहुल गांधी के हिसाब से कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर होने वाली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां कांग्रेस की चुनावी कमान अपने हाथ में लिए हुए हैं, बीजेपी में ये सब दिल्ली से तय हो रहा है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस नेतृत्व के सामने करीब करीब एक जैसी ही चुनौतियां थीं, लेकिन लोगों के बीजेपी से खफा होने का पूरा फायदा मिला। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के दो मजबूत नेता जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर मोर्चे पर डटे रहे, लेकिन बाजी बीजेपी के हाथ से निकल गयी। और राजस्थान में भी दोनों राज्यों की तरह सबसे बड़े नेता को नजरअंदाज किए जाने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। तमाम मुश्किलों को काउंटर करने के लिए बीजेपी राजस्थान में भी मध्य प्रदेश जैसा ही प्रयोग करने जा रही है, अब तो ऐसे ही संकेत मिले हैं, लेकिन क्या मोदी सरकार के काम पर राजस्थान के लोग बीजेपी को वोट देंगे। आम चुनाव की बेशक चिंता नहीं होगी, क्योंकि 2019 में भी साल भर पहले ही सरकार चली जाने का कोई असर नहीं दिखा था। वहीं तेलंगाना में आखिरी चरण में 30 नवंबर को वोट डाले जाने हैं। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तो सत्ता में वापसी के लिए पार्टी का नाम तक बदल दिया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति की जगह अब केसीआर की पार्टी का नाम भारत राष्ट्र समिति हो गया है। केसीआर ने अपनी तरफ से लोगों को तो यही समझाने की कोशिश की है कि वो पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने जा रहे हैं, लेकिन सच तो यही है कि ये सब सत्ता बचाने की तरकीब से ज्यादा कुछ भी नहीं है। तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस का मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी से होने जा रहा है।
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Monday, July 7