(31 जनवरी को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी व्यास तहखाने में श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ करने की इजाजत दे दी। कोर्ट के आदेश के बाद रात 12 बजे तहखाने को खोलकर श्रद्धालु पहुंच गए और दीप जलाए, खुशियां मनाई। तीस साल बाद साधु संत और पुजारी की तरह ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिली। इधर मुस्लिम पक्ष भी देर रात सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को जगाया उनके सामने दस्तावेज रखे। कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उल्लेख करने को कहा। शुक्रवार 2 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को पूजा पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया है। कोर्ट ने श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करने की अनुमति दे दी है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी। इधर वाराणसी में ज्ञानवापी में हजारों की संख्या में मुस्लिम नमाज पढ़ने पहुंच गए लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें लौटा दिया।)
पिछले महीने जनवरी की 23 तारीख को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा ने पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाया। 10 दिन बाद 1 फरवरी को वाराणसी में भी हर-हर महादेव के जयकारे शुरू हो गए। ज्ञानवापी व्यासजी तहखाने में पूजा शुरू होने के बाद में मामला गरमा गया है। बता दें कि ज्ञानवापी में व्यास तहखाने को 31 जनवरी बुधवार दोपहर 3 बजे वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया और इसके कुछ ही घंटों बाद रात 12 बजे से 12:30 के बीच में तहखाने को खोलकर पूजा-पाठ किया गया। पूजा से पहले बुधवार को रात में करीब 12 बजे पंचगव्य से पूरे व्यास तहखाना की शुद्धि हुई। पहले गंगाजल से तहखाने में मिली मूर्तियों का शुद्धिकरण हुआ और पंचगव्य से स्नान कराया गया इसके बाद देवता महागणपति का आह्वान किया गया। व्यास तहखाने में 2-3 शिवलिंग, हनुमान, गणेश जी की प्रतिमा की पूजा हुई। श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया। हर ओर हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे। 30 साल बाद ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा की इस तस्वीर को शिवभक्त बड़ी जीत बता रहे हैं। जिसमें इतने सालों बाद दीप जला। ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में आरती होते ही आधी रात को काशी में बम बम भोले के जयकारे लगने लगे। तीस साल बाद साधु संत और पुजारी की तरह वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिली। इधर मुस्लिम पक्ष भी देर रात सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद की कानूनी टीम गुरुवार सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से संपर्क किया। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि मुस्लिम पक्ष कानूनी उपाय तलाश सके। मुस्लिम पक्ष ने रजिस्ट्रार से करीब एक घंटे तक बातचीत की। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को जगाया उनके सामने दस्तावेज रखे। सुबह-सुबह कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उल्लेख करने को कहा।