पीएम मोदी ने इस मंदिर की आधारशिला 2018 में रखी थी। यूएई के मुस्लिम शासक शेख मोहम्मद बिन जायद ने हिंदू मंदिर के लिए भूमि दान की। अबू धाबी में बने इस मंदिर के लिए यूएई सरकार ने अगस्त 2015 में 13.5 एकड़ जमीन दी थी। इसके बाद 2019 में और 13.5 एकड़ जमीन तोहफे में दे दी। इस तरह कुल 27 एकड़ की जमीन मंदिर के लिए दी गई। मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने बनाया है। मंदिर के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च हुए। अबूधाबी का यह मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जिसमें एक साथ 10,000 लोग पूजा-पाठ कर सकेंगे। साथ ही इस मंदिर की एक विशेष बात यह भी है कि मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है। इसके लिए बड़े-बड़े कंटेनर में गंगा और यमुना के जल को भारत से ले जाया गया है। जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है। दुनिया भर में बीएपीएस संस्था के 1200 से ज्यादा मंदिर हैं। अहमदाबाद, दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर इसी संस्था ने बनाया है। इसके अलावा अमेरिका, अटलांटा, ऑकलैंड, लंदन, सिडनी में भी भव्य मंदिरों का निर्माण कराया है। अब आप इसी से अनुमान लगा सकते हैं कि भारत और यूएई की यह दोस्ती कितनी प्रागाढ़ हैं। बीते दो कार्यकाल में पीएम मोदी की यह सातवीं यात्रा थी। बीते आठ महीने में वह तीन बार दुबई की यात्रा कर चुके हैं। यूएई में बना यह तीसरा हिंदू मंदिर है, लेकिन भव्यता में यह दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। यह देश की कुल जनसंख्या का 30% है और भारतीयों की तादाद यहां किसी भी दूसरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। वहीं, रूस, सऊदी अरब और इराक के बाद यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
मुस्लिम देश यूएई में अजान के साथ मंदिर में भी बजने लगे घंटे
14 फरवरी, बसंत पंचमी को 1 अरब 40 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का दिन रहा । लंबे समय के इंतजार के बाद आखिरकार वो दिन आ ही गया, जब एक मुस्लिम देश यूएई में पहले भव्य मंदिर का उद्घाटन हुआ। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के अबु धाबी में हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर पूजा-अर्चना की। इस ऐतिहासिक पल का भारत समेत तमाम दुनिया भर के देशों में सीधा प्रसारण किया गया। हिंदू मंदिर अब आम जनता और पर्यटकों के लिए भी खुल गया है। यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं। मंदिर के उद्घाटन के समय मौजूद हजारों की संख्या में भारत के लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए। यह न केवल देश में सांस्कृतिक विविधता को दिखाता है बल्कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंध को भी मजबूती देने में काफी अहम योगदान देता है। मंदिर अपनी भव्यता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। इस मंदिर के हर कोने में भारत की झलक देखने को मिलती है। अब अबु धाबी में मस्जिद से सुनाई देने वाली अजान के साथ मंदिर में भी घंटे बजना शुरू हो गए हैं। इस मौके पर अक्षय कुमार, विवेक ओबेरॉय और तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम दिलीप जोशी भी मंदिर दर्शन करने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के उद्घाटन के बाद कहा कि यूएई ने इतिहास रच दिया है। इसमें वर्षों की मेहनत जुड़ी हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि जो यूएई अब तक बुर्ज खलीफा, फ्यूचर म्यूजियम, शेख जायद मस्जिद और अन्य हाईटेक इमारतों के लिए जाना जाता था, उसने अब अपनी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय जोड़ लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं पहले अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर और अब अबू धाबी में इस मंदिर का साक्षी बना। आज वैश्विक संघर्षों और चुनौतियों के सामने विविधता में एकता का विचार हमें विश्वास देता है, मानवता में हमारे विश्वास को मजबूत करता है। इस मंदिर में आपको पग पग पर विविधता में विश्वास की झलक दिखेगी। हिंदू धर्म के साथ-साथ कुरान की कहानियां भी उकेरी गई हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही वॉल ऑफ हार्मनी के दर्शन हुए थे। इसके बाद इस बिल्डिंग का इम्प्रेंसिव थ्री डी का अनुभव होगा, जिसे पारसी समाज ने शुरू करवाया है। लंगर की जिम्मेदारी के लिए सिख भाई आगे आए हैं। मंदिर के निर्माण में हर धर्म के लोगों ने काम किए हैं। मंदिर की सात मीनारें यूएई की 7 अमीरातों का प्रतीक है। यही भारतीयों का स्वभाव है। हम जहां जाते हैं वहां की संस्कृति मूल्यों को सम्मान भी देते हैं और आत्मसाध भी करते हैं। सबके सम्मान का यही भाव शेख मोहम्मद के जीवन में भी साफ दिखता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे मित्र राष्ट्रपति जायद का विजन है ‘वी आर ऑल ब्रदर्स’। उन्होंने अबू धाबी में हाउस ऑफ अब्राहम फैमिली बनाई है। अबू धाबी में भगवान स्वामीनारायण का मंदिर विविधता में एकता के उस विचार को विस्तार दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा परमात्मा ने जो शरीर दिया है उसका कण-कण सिर्फ और सिर्फ मां भारती के लिए है। 140 करोड़ देशवासी मेरे आराध्य देव हैं। अबू धाबी में इस मंदिर का साक्षी बना हूं। साथियों, हमारे वेदों ने कहा है कि एकम सत्य, विप्रा बहुधा वदंति अर्थात एक ही ईश्वर को एक ही सत्य को विद्वान लोग अलग-अलग तरह से बताते हैं। ये दर्शन भारत की मूल चेतना का हिस्सा है। इसलिए हम स्वभाव से ही न केवल सभी को स्वीकार करते हैं बल्कि सबका स्वागत भी करते हैं। हमें विविधता में बैर नहीं दिखता, विविधता ही विशेषता लगती है। पीएम मोदी ने कहा कि ये मंदिर पूरी दुनिया के लिए वैश्विक सौहार्द्र और एकता का प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए यूएई सरकार का आभार जताया। दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है। यह मंदिर पश्चिम एशिया में आकार के हिसाब से सबसे बड़ा है। बता दें कि यूएई 7 अमीरातों के संघ से बनी है। इसमें अबू धाबी, अजमान, दुबई, फुजैराह, रास अल खैमा, शारजाह और उम्म अल क्वैन हैं। इस कारण इस मंदिर में सात शिखर में सात भारतीय देवी-देवता विराजमान हैं । मंदिर में सात गर्भगृह होंगे। हर देवी-देवता के मंदिर के बाहर उनसे संबंधित लीलाएं पत्थरों पर मूर्तियों से उकेरी गई हैं। जैसे राम मंदिर में- रामायण। कृष्ण मंदिर में- भागवतम्। भारतीय परंपरा के जानवर- गाय, हाथी, मोर के साथ अरब देश के ऊंट, रेगिस्तानी बकरी, बाज, फलों में अनानास और खजूर को भी दीवारों पर जगह दी गई है।
(लंबे समय के इंतजार के बाद आखिरकार वो दिन आ ही गया, जब एक मुस्लिम देश यूएई में पहले भव्य मंदिर का उद्घाटन हुआ। 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के अबु धाबी में हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर पूजा-अर्चना की। इस मौके पर पीएम मोदी कहा कि यूएई ने इतिहास रच दिया है। मंदिर के उद्घाटन के समय मौजूद हजारों की संख्या में भारत के लोगों जय श्री राम के नारे लगाए। इस ऐतिहासिक पल का भारत समेत तमाम दुनिया भर के तमाम देशों में सीधा प्रसारण किया गया।दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है। यह मंदिर पश्चिम एशिया में आकार के हिसाब से सबसे बड़ा है।